प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) से पहले 11 दिन का यम नियम अनुष्ठान (Yama Niyama Rituals) शुरू किया है। इस अनुष्ठान के तहत उन्हें कई नियमों का पालन करना होगा, जिनमें नियमित स्नान, बाहरी भोजन और धूम्रपान से परहेज, क्रोध, अहंकार और मद से मुक्ति, सच बोलना, आचार्य और ब्राह्मणों का सम्मान, सिला हुआ वस्त्र न पहनना, हल्दी, सरसों, उड़द, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज, मदिरा, अंडा, मास, तेल से बने पदार्थ, चना, चावल, राई, भुजिया, गुड़ आदि से परहेज, भगवान को भोग लगाने के बाद ही भोजन करना, दोपहर में सबसे पहले ब्राह्मण को भोजन कराना, खटिया पर सोना और बैठना वर्जित करना शामिल हैं।
अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratishtha) का कार्यक्रम 22 जनवरी को होने वाला है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) मुख्य यजमान की भूमिका निभाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने 11 दिन का यम नियम (Yama Niyama) अनुष्ठान शुरू किया है। इस अनुष्ठान के तहत उन्हें कई नियमों का पालन करना होगा।
>> यह भी पढ़ें – 22 जनवरी को यह कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय उत्सव’ के रूप में मनाया जाएगा
पीएम मोदी ने क्या कहा
12 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन के यम नियम अनुष्ठान की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा:
-
“मैं आध्यात्मिक यात्रा की कुछ तपस्वी आत्माओं और महापुरुषों से मुझे जो मार्गदर्शन मिला है। उन्होंने जो यम-नियम सुझाए हैं, उसके अनुसार मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं। इस पवित्र अवसर पर मैं परमात्मा के श्रीचरणों में प्रार्थना करता हूं कि मैं इस अनुष्ठान को पूर्ण कर सकूं और इस महान कार्य के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकूं।”
-
“यम नियम के अनुसार, मैं नियमित स्नान, सात्विक भोजन, क्रोध और अहंकार से मुक्ति, सत्यनिष्ठा, गुरुजनों का सम्मान, सादे वस्त्र धारण करना, कुछ खाद्य पदार्थों का त्याग, भगवान को भोग लगाने के बाद ही भोजन करना, ब्राह्मणों को भोजन करवाना और आसन पर सोना जैसे नियमों का पालन करूंगा।”
-
“मैं इस अनुष्ठान के माध्यम से अपने मन को शुद्ध और पवित्र बनाने का प्रयास करूंगा। मैं इस अवसर पर सभी देशवासियों से आह्वान करता हूं कि वे भी इस अनुष्ठान में शामिल होकर मुझे आशीर्वाद दें।”
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरी तरह से संकल्पित हैं और इस अनुष्ठान के माध्यम से वे अपने मन को शुद्ध और पवित्र बनाना चाहते हैं।
>> यह भी पढ़ें – घर बैठे मुफ्त में पाएं राम मंदिर प्रसाद,जानें पूरी प्रिक्रिया
यम नियम (Yama Niyama) आखिर क्या होता है?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, अनुष्ठानों से पहले किए जाने वाले आध्यात्मिक और शारीरिक शुद्धि के नियमों को यम नियम (Yama Niyama) कहते हैं। इन नियमों का पालन मन, वचन और कर्म को पवित्र बनाने के लिए किया जाता है।
यम नियम अनुष्ठान के नियम:
- नियमित स्नान
- बाहरी भोजन और धूम्रपान से परहेज
- क्रोध, अहंकार और मद से मुक्ति
- सच बोलना
- आचार्य और ब्राह्मणों का सम्मान
- सिला हुआ वस्त्र न पहनना
- हल्दी, सरसों, उड़द, मूली, बैंगन, लहसुन, प्याज, मदिरा, अंडा, मास, तेल से बने पदार्थ, चना, चावल, राई, भुजिया, गुड़ आदि से परहेज
- भगवान को भोग लगाने के बाद ही भोजन करना
- दोपहर में सबसे पहले ब्राह्मण को भोजन कराना
- खटिया पर सोना और बैठना वर्जित करना
>> यह भी पढ़ें – अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा की कमान यूपी पुलिस को सौंपी जाएगी
पीएम मोदी ने किन यम नियमों (Yama Niyama) का पालन शुरू किया है?
पीएम मोदी ने 11 दिन के यम नियम (Yama Niyama) अनुष्ठान के तहत नियमित स्नान, सात्विक भोजन, क्रोध और अहंकार से मुक्ति, सत्यनिष्ठा, गुरुजनों का सम्मान, सादे वस्त्र धारण करना, कुछ खाद्य पदार्थों का त्याग, भगवान को भोग लगाने के बाद ही भोजन करना, ब्राह्मणों को भोजन करवाना और आसन पर सोना जैसे नियमों का पालन शुरू किया है।
क्या ये नियम सिर्फ अनुष्ठान के लिए हैं?
यम नियम (Yama Niyama) का पालन किसी भी धार्मिक अनुष्ठान से पहले अनुशंसित होता है, लेकिन इन्हें दैनिक जीवन में भी अपनाया जा सकता है। ये नियम आत्म-संयम, शुचिता और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देते हैं।
क्या इन नियमों का वैज्ञानिक आधार है?
कुछ नियमों जैसे सात्विक भोजन और नियमित स्नान का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव माना जाता है। वहीं, क्रोध और अहंकार से मुक्त होकर सत्यनिष्ठा का पालन करने से मानसिक शांति मिलती है।
पीएम मोदी के इस अनुष्ठान का क्या महत्व है?
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भारत के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी द्वारा यम नियमों (Yama Niyama)का पालन करना उनकी आध्यात्मिक आस्था और समर्पण को दर्शाता है।
क्या आम लोग भी ये नियम अपना सकते हैं?
बिल्कुल, यम नियमों (Yama Niyama) का पालन किसी भी जाति, धर्म या आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं। इन नियमों को अपनी क्षमता और परिस्थितियों के अनुसार अपनाया जा सकता है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यम नियम (Yama Niyama) अनुष्ठान शुरू करके अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की है। यह अनुष्ठान उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि इस दौरान वे अपने मन को शुद्ध और पवित्र बनाने का प्रयास करेंगे।
तो दोस्तों, यह थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) – यम नियम (Yama Niyama) अनुष्ठान के बारे में पूरी जानकारी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही खबरे पढ़ने के लिए niralatimes.com के साथ जुड़े रहे।