चुनाव आयोग (EC) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए SBI द्वारा साझा किए गए SBI Electoral Bonds Data Released कर दिया है। जिसमें बड़ी कंपनियों और पार्टियों के नाम सामने आए। आइये जानते हैं विस्तार से..
SBI Electoral Bonds Data Released
चुनाव आयोग (ECI) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से प्राप्त इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा अपनी वेबसाइट पर जारी कर दिया। डेटा में 12 अप्रैल, 2019 से 1,000 रुपये से 1 करोड़ रुपये तक के इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद का विवरण दिया गया है। डेटा दो सेट में उपलब्ध है, जिसमें बॉन्ड खरीदारों और राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉन्ड की जानकारी शामिल है।
डेटा दो सेट में विभाजित है:
- पहला सेट: इसमें बॉन्ड खरीदार का नाम और बॉन्ड की कीमत शामिल है।
- दूसरा सेट: इसमें राजनीतिक दलों और उनके द्वारा भुनाए गए बॉन्ड की कीमत शामिल है।
हालांकि, डेटा में बॉन्ड खरीदार और लाभार्थी के बीच कोई संबंध नहीं दिखाया गया है। इसलिए, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि किस खरीदार ने किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया।
चुनाव आयोग ने कहा है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद SBI से प्राप्त डेटा को “ज्यों का त्यों” अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है।
SBI Electoral Bonds Data – Companies List
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी डेटा के अनुसार: डेटा में शामिल कुछ प्रमुख कंपनियां निम्नलिखित हैं :
- Grasim Industries
- Megha Engineering
- Piramal Enterprises
- Torrent Power
- Bharti Airtel
- DLF Commercial Developers
- Vedanta Ltd.
- Apollo Tyres
- Lakshmi Mittal
- Edelweiss
- PVR
- Keventer
- Sula Wine
- Welspun
- Sun Pharma
Download – SBI Electoral Bonds Data – Companies List
SBI Electoral Bonds Data – Political Parties List
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी डेटा के अनुसार: डेटा में शामिल कुछ प्रमुख राजनीतिक दल निम्नलिखित हैं :
- BJP
- कांग्रेस
- AIDMK
- BRS
- शिवसेना
- TDP
- YSRCP
- DMK
- JDS
- NCP
- तृणमूल कांग्रेस (TMC)
- JDU
- RJD
- AAP
- समाजवादी पार्टी (SP)
Download – SBI Electoral Bonds Data – Political Parties List
SBI Electoral Bonds Data से पता चलता है कि:
- 2019 से 2024 तक, 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए।
- BJP ने 2019 से 2024 तक 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड का भुनाया।
- कांग्रेस ने 2019 से 2024 तक 2,500 करोड़ रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड का भुनाया।
यह डेटा चुनावी चंदे की पारदर्शिता में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त धन के स्रोतों की बेहतर निगरानी करने में मदद करेगा।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि डेटा में पारदर्शिता की कमी है। वे यह जानना चाहते हैं कि किस खरीदार ने किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया। वे यह भी जानना चाहते हैं कि चुनावी बॉन्ड का उपयोग राजनीतिक दलों द्वारा किस तरह से किया जाता है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि वह डेटा को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए काम कर रहा है। यह संभव है कि भविष्य में, डेटा में बॉन्ड खरीदार और लाभार्थी के बीच संबंध दिखाया जाएगा।
यह डेटा भारतीय चुनावों में धन के उपयोग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यह नागरिकों को यह समझने में मदद करेगा कि राजनीतिक दलों को धन कहां से मिलता है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है।
निष्कर्ष:
SBI Electoral Bonds Data जारी करना चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह डेटा चुनावी सुधारों की बहस को पुनर्जीवित कर सकता है और चुनावी चंदे के लिए धन के स्रोतों पर अधिक सख्त नियमों की आवश्यकता पर प्रकाश डाल सकता है।
तो दोस्तों, यह थी SBI Electoral Bonds Data से संबंधित जानकारी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही खबरे पढ़ने के लिए niralatimes। com के साथ जुड़े रहे।
SBI Electoral Bonds से संबंधित सवाल (FAQs)
1. इलेक्टोरल बॉन्ड क्या हैं?
इलेक्टोरल बॉन्ड एक प्रकार का वित्तीय साधन है जिसका उपयोग राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए किया जा सकता है।
2. इलेक्टोरल बॉन्ड क्यों पेश किए गए थे?
चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड पेश किए गए थे।
3. इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद कौन कर सकता है?
केवल भारतीय नागरिक और कंपनियां ही इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद सकते हैं।
4. इलेक्टोरल बॉन्ड कैसे खरीदे जाते हैं?
इलेक्टोरल बॉन्ड को SBI की किसी भी शाखा से खरीदा जा सकता है। खरीदार को अपनी पहचान और पते का प्रमाण देना होगा।
6. इलेक्टोरल बॉन्ड का उपयोग कौन कर सकता है?
केवल पंजीकृत राजनीतिक दल ही इलेक्टोरल बॉन्ड का उपयोग कर सकते हैं।
6. इलेक्टोरल बॉन्ड का उपयोग कैसे किया जाता है?
इलेक्टोरल बॉन्ड को राजनीतिक दलों द्वारा किसी भी बैंक में जमा किया जा सकता है। बैंक बॉन्ड को नकद में भुनाएगा।
7. इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े विवाद क्या हैं?
इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े कुछ विवादों में पारदर्शिता की कमी और दुरुपयोग की संभावना शामिल हैं।