SBI Electoral Bond News : हैदराबाद की MEIL ने 980 करोड़ और लॉटरी कंपनी Future Gaming ने 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स खरीदे। इन दोनों कंपनियों पर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल होने का आरोप है। ईडी सहित जांच एजेंसियां इनकी जांच कर रही हैं।
चुनाव आयोग की तरफ से 14 मार्च को जारी डेटा के अनुसार, चुनावी बांड (Electoral Bonds) खरीदने वाली कंपनियों की सूची में दो नाम सबसे ऊपर हैं। हैदराबाद की Megha Engineering and Infrastructure (MEIL) ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स के जरिए 980 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया है। कोयंबतूर की लॉटरी और गेमिंग कंपनी Future Gaming and Hotel Services ने डोनेशन के लिए 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स खरीदे। दोनों कंपनियों ने मिलकर 2,348 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स खरीदे। ये बॉन्ड्स 2019 से 2024 के बीच खरीदे गए।
Megha Engineering : कालेश्वरम लिफ्टी इरिगेशन स्कीम घोटाले में शामिल
MEIL ने 2023 में देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी Larsen & Toubro (L&T) को पीछे छोड़ महाराष्ट्र के दो प्रोजेक्ट्स के ऑर्डर हासिल किए थे। ये प्रोजेक्ट्स 14,400 करोड़ रुपये के थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कंपनी ने 2018 में मीडिया बिजनेस में भी एंट्री ली थी। उसने TV9 नेटवर्क में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है।
यह कंपनी कालेश्वरम लिफ्टी इरिगेशन स्कीम (KLIS) घोटाले में CAG के रडार पर रही है। डक्कन क्रॉनिकल की एक खबर के मुताबिक, मेघा इंजीनियरिंग को KLIS में 5,188.43 करोड़ रुपये का ज्यादा पेमेंट किया गया। ये पेमेंट पंप्स, मोटर्स और दूसरे इक्विपमेंट से जुड़े थे। केएलआईएस की कैग की जांच से पता चला कि बढ़ी हुई प्रोजेक्ट कॉस्ट का ज्यादातर हिस्सा कॉन्ट्रैक्टर्स खासकर मेघा इंजीनियरिंग की जेब में गया।
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Future Gaming : ED ने जब्त किए थे एसेट्स
Future Gaming की शुरुआत 1991 में हुई थी। इसे सैंटियागो मार्टिन (Santigo Martin) ने कोयंबतूर में रजिस्टर्ड कराया था। यह कंपनी वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप में कई एजेंसियों के निशाने पर रही है। कई बार नियम तोड़ने की वजह से इसका नाम सुर्खियों में आ चुका है। इंडिया टुडे ने 2 अप्रैल, 2022 को खबर दी थी कि ED ने फ्यूचर गेमिंग के 409.92 करोड़ रुपये के एसेट्स जब्त कर लिए थे। कंपनी पर मनी लाउंड्रिंग गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। ED ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फ्यूचर गेमिंग, उसके सब-डिस्ट्रिब्यूटर्स और एरिया-डिस्ट्रिब्यूटर्स ने नहीं बिकने वाले लॉटरी टिकटों को अवैध रूप से अपने पास रखा और प्राइज मनी अपने पास रख लिए। यह सब 2017 में GST लागू होने से पहले किया गया।
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Santigo Martin : Lottery King
सैंटियागो मार्टिन, जिन्हें “लॉटरी किंग” के नाम से जाना जाता है, एक प्रेरणादायक कहानी के मालिक हैं। म्यांमार में एक श्रमिक के रूप में काम करने से लेकर भारत में लॉटरी सम्राट बनने तक, उनका सफर अद्भुत रहा है।
बहुत कम उम्र में ही उन्होंने लॉटरी व्यवसाय में कदम रखा और अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। 2004 में, उन्हें जेनेवा की एक कंपनी द्वारा बिजनेस में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।
मार्टिन अपनी उदारता के लिए भी जाने जाते थे। वे भारत के सबसे बड़े व्यक्तिगत करदाताओं में से एक थे, इन पर आरोप है कि वे हर साल 1 अरब रुपये से अधिक का टैक्स चुकाते थे।
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निष्कर्ष
यह डेटा चुनावी बॉन्ड्स की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। यह स्पष्ट नहीं है कि इन कंपनियों ने इतने बड़े पैमाने पर डोनेशन क्यों दिया। क्या यह राजनीतिक दलों को प्रभावित करने के लिए था? क्या यह सरकार से अनुबंध प्राप्त करने के लिए था? इन सवालों का जवाब अभी नहीं है।
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