चुनाव में इस्तेमाल होने वाली चुनावी स्याही (Election Ink) या अमिट स्याही क्या है? यह कैसे बनती है? इसमें कौन सा रसायन होता है? यह आसानी से क्यों नहीं मिटती? भारत इस स्याही का निर्यात किन देशों को करता है? जानिए इस लेख में चुनावी स्याही से जुड़ी हर बात।
चुनाव आयोग चुनाव से जुड़ी सभी सामग्री को जरूरी दफ्तरों में भेजना शुरू कर चुका है। चुनावों में वोटिंग के दौरान मतदाताओं की उंगली पर लगाई जाने वाली चुनावी स्याही (Election Ink) या अमिट स्याही एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह स्याही न केवल फर्जी मतदान को रोकने में मदद करती है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता भी लाती है। यह सुनिश्चित करती है कि कोई व्यक्ति एक से अधिक बार वोट न दे सके।
चुनावी स्याही (Election Ink) या अमिट स्याही क्या है?
चुनावी स्याही (Election Ink) या अमिट स्याही मतदान प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक नीले रंग की स्याही है जो मतदाता की उंगली पर लगाई जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह दोबारा वोट नहीं डाल सकता। यह स्याही आसानी से नहीं मिटती है और 2 दिन से 1 महीने तक त्वचा पर बनी रह सकती है। इस स्याही को इंडेलिबल इंक (Indelible Ink) भी कहा जाता है क्योंकि यह आसानी से नहीं मिटती है।
चुनावी स्याही का इतिहास
भारत में चुनावी स्याही का इस्तेमाल पहली बार 1962 के लोकसभा चुनाव में किया गया था। इसका उद्देश्य फर्जी मतदान को रोकना था। इस पहल में काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के वैज्ञानिकों ने 1952 में नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (NPL) में अमिट स्याही का फॉर्मूला इजाद किया था।
चुनावी स्याही कहां और कैसे बनती है?
चुनावी स्याही कर्नाटक की मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड (MPVL) नामक कंपनी में बनाई जाती है। यह कंपनी 1937 में स्थापित हुई थी और आज भारत में इलेक्शन इंक बनाने का लाइसेंस केवल इसी कंपनी के पास है। चुनावी स्याही बनाने के लिए सिल्वर नाइट्रेट, सोडियम क्लोराइड, पोटेशियम डाइक्रोमेट, पानी और कुछ अन्य रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है।
चुनावी स्याही में कौन सा रसायन होता है?
Voting ink Chemical Name : चुनावी स्याही में सिल्वर नाइट्रेट नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। जब चुनाव अधिकारी वोटर की उंगली पर स्याही लगाते हैं तो सिल्वर नाइट्रेट (Silver Nitrate) त्वचा में मौजूद नमक के साथ मिलकर सिल्वर क्लोराइड बनाता है। यह सिल्वर क्लोराइड काले रंग का होता है और पानी में घुलनशील नहीं होता है और त्वचा से चिपक जाता है। यह स्याही आसानी से नहीं मिटती और कुछ दिनों तक उंगली पर बनी रहती है।
चुनावी स्याही के फायदे और नुकसान
चुनावी स्याही, जिसे अमिट स्याही भी कहा जाता है, चुनावों में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। यह मतदाताओं की उंगली पर लगाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे एक से अधिक बार मतदान न करें।
चुनावी स्याही या अमिट स्याही के फायदे:
- फर्जी मतदान को रोकने में मदद करता है: चुनावी स्याही उन लोगों को रोकने में मदद करती है जो एक से अधिक बार मतदान करने की कोशिश करते हैं। यदि कोई व्यक्ति पहले ही मतदान कर चुका है, तो उसकी उंगली पर स्याही का निशान होगा, जो मतदान केंद्र के अधिकारियों को यह बता देगा कि वह पहले ही मतदान कर चुका है।
- मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है: चुनावी स्याही मतदान प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाती है। यह मतदाताओं को यह जानने में मदद करता है कि उनके वोट की गिनती होगी और चुनाव निष्पक्ष तरीके से आयोजित किए जाएंगे।
- मतदाताओं में विश्वास पैदा करता है: चुनावी स्याही मतदाताओं में विश्वास पैदा करती है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित किए जाएंगे। यह उन्हें मतदान में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।
चुनावी स्याही या अमिट स्याही के नुकसान:
- कुछ लोगों को स्याही से एलर्जी हो सकती है: कुछ लोगों को चुनावी स्याही से एलर्जी हो सकती है। यह एलर्जी त्वचा पर खुजली, लालिमा और जलन पैदा कर सकती है।
- स्याही को हटाने में कुछ समय लगता है: चुनावी स्याही को हटाने में कुछ समय लगता है। यह कुछ लोगों के लिए असुविधाजनक हो सकता है, खासकर यदि उन्हें जल्दी से अपनी उंगली को साफ करने की आवश्यकता हो।
अमिट स्याही हटाने के उपाय: चुनावी स्याही (Election Ink) को कैसे हटाएं?
चुनावों में मतदाताओं की उंगली पर लगाई जाने वाली स्याही, जिसे अमिट स्याही या वोटिंग स्याही भी कहा जाता है, को हटाना आसान नहीं होता। यह स्याही त्वचा पर 2 दिन से लेकर 1 महीने तक बनी रह सकती है।
यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जिनसे आप चुनावी स्याही को हटाने की कोशिश कर सकते हैं:
साबुन और पानी: सबसे पहले, अपनी उंगली को गर्म पानी में भिगोएँ। फिर, साबुन लगाकर धीरे-धीरे रगड़ें। आप किसी भी प्रकार के साबुन का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि हाथ धोने वाला साबुन, नहाने का साबुन या डिटर्जेंट।
नेल ब्रश: साबुन और पानी से धोने के बाद, आप नेल ब्रश का उपयोग करके स्याही को हटाने की कोशिश कर सकते हैं। धीरे-धीरे रगड़ें, ज़ोर से रगड़ने से त्वचा खराब हो सकती है।
एसीटोन: एसीटोन, जिसे नेल पॉलिश रिमूवर के रूप में भी जाना जाता है, स्याही को हटाने में मदद कर सकता है। रुई के फाहे को एसीटोन में भिगोएँ और स्याही पर लगाएँ। धीरे-धीरे रगड़ें, ज़ोर से रगड़ने से त्वचा में जलन हो सकती है।
सैंडपेपर: यदि अन्य सभी उपाय विफल हो जाते हैं, तो आप सैंडपेपर का उपयोग करके स्याही को हटाने की कोशिश कर सकते हैं। बहुत बारीक सैंडपेपर का उपयोग करें, जैसे कि 220-ग्रिट या उससे अधिक। धीरे-धीरे रगड़ें, ज़ोर से रगड़ने से त्वचा खराब हो सकती है।
ध्यान दें: इन उपायों को करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि इससे त्वचा में जलन हो सकती है। यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो इन उपायों का उपयोग न करें। स्याही को हटाने के लिए किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थ या क्रीम का उपयोग न करें। यदि आपको त्वचा में जलन या एलर्जी होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आपको त्वचा में जलन या कोई अन्य समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श करें।
भारत Election Ink को विदेशों में भी करता है सप्लाई
चुनावी स्याही का इस्तेमाल सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के 30 से ज्यादा देशों में होता है। भारत इस स्याही का निर्यात भी करता है।सरकारी आंकड़ों के अनुसार मैसूर पेंट एंड वार्निश लिमिटेड की चुनावी स्याही (Election Ink) 25 से ज्यादा देशों में सप्लाई की जाती है। इनमें कनाडा, घाना, नाइजीरिया, मंगोलिया, मलेशिया, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और मालदीव शामिल हैं।
निष्कर्ष:
चुनावी स्याही लोकतंत्र की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह फर्जी मतदान को रोकने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में मदद करती है।
तो दोस्तों, यह थी चुनावी स्याही (Election Ink) जिसे हम अमिट स्याही भी कहते हैं, से संबंधित जानकारी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही खबरे पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Nirala Times और Whatsapp, Telegram को ज्वाइन करें। इसके अलावा, आप हमारे सोशल मीडिया अकाउंट को भी फॉलो करें ताकि आपको खबरों के ताजा अपडेट मिलते रहें।
चुनावी स्याही (Election Ink) या अमिट स्याही से संबंधित सवाल (FAQs)
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चुनावी स्याही क्या है?
चुनावी स्याही एक विशेष प्रकार की स्याही है जो त्वचा पर लगाने के बाद 24 घंटे तक धुंधली नहीं होती है। यह स्याही चांदी नाइट्रेट और सिल्वर क्लोराइड के मिश्रण से बनी होती है।
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चुनावी स्याही कितनी देर तक रहती है?
चुनावी स्याही आमतौर पर 2 दिन से लेकर 1 महीने तक त्वचा पर बनी रहती है। यह त्वचा के प्रकार और व्यक्ति की गतिविधि के स्तर पर निर्भर करता है। यदि आप अपनी उंगली को बार-बार धोते हैं या रगड़ते हैं, तो स्याही जल्दी मिट सकती है।
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चुनावी स्याही कैसे काम करती है?
चुनावी स्याही में सिल्वर नाइट्रेट (Silver Nitrate) नामक रसायन होता है जो त्वचा के संपर्क में आने पर त्वचा के प्रोटीन के साथ प्रतिक्रिया करता है। यह प्रतिक्रिया त्वचा पर एक बैंगनी रंग का निशान बनाती है जो आसानी से नहीं मिटता है।
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चुनावी स्याही क्यों इस्तेमाल की जाती है?
चुनावी स्याही का इस्तेमाल मतदान में धांधली को रोकने के लिए किया जाता है। यह स्याही सुनिश्चित करती है कि कोई व्यक्ति एक बार से अधिक मतदान नहीं कर सके।
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चुनावी स्याही कैसे मिटती है?
चुनावी स्याही त्वचा के सेल के साथ धीरे-धीरे पुराने होते हुए मिटती है। यह स्याही आमतौर पर 2 दिन से लेकर 1 महीने तक त्वचा पर बनी रहती है।
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चुनावी स्याही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
चुनावी स्याही में सिल्वर नाइट्रेट होता है, जो त्वचा के लिए थोड़ा हानिकारक हो सकता है। यह त्वचा में जलन, खुजली और लालिमा पैदा कर सकता है।
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भारत के अलावा किन देशों में चुनावी स्याही का इस्तेमाल होता है?
चुनावी स्याही का इस्तेमाल भारत के अलावा 30 से अधिक देशों में होता है। इनमें कनाडा, घाना, नाइजीरिया, मंगोलिया, मलेशिया, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और मालदीव शामिल हैं।