Ayodhya Ram Mandir के लिए मूर्ति का चयन हो गया है। कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति स्थापित की जाएगी। जानें कौन हैं ये मूर्तिकार और उनकी क्या खासियत है।
अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति का इतिहास
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में देश के जाने-माने मूर्तिकारों ने भाग लिया था।
सोमवार को राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने इस प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया। इसमें कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति को सर्वश्रेष्ठ चुना गया है।
अरुण योगीराज कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे हैं। उनके पिता को वाडियार घराने के महलों में खूबसूरती देने के लिए भी जाना जाता है। अरुण योगीराज ने 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई की है।
अरुण योगीराज ने सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई थी। जिसे इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति स्थल के पीछे भव्य छतरी के नीचे पीएम मोदी ने स्थापित किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने जब सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की थी उस दौरान मूर्तिकार अरुण योगीराज की भी तारीफ की थी।
प्रश्न और उत्तर (FAQs)
प्रश्न: अरुण योगीराज की मूर्ति की क्या विशेषताएं हैं?
उत्तर: अरुण योगीराज की मूर्ति भगवान राम की बाल रूप में है। मूर्ति में भगवान राम की मुस्कुराती हुई मुखमुद्रा और हाथ में धनुष-बाण लिए हुए हैं। मूर्ति की ऊंचाई 52 इंच है और यह श्याम वर्ण की है।
प्रश्न: अरुण योगीराज की मूर्ति का निर्माण कब पूरा होगा?
उत्तर: अरुण योगीराज की मूर्ति का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा। मूर्ति का निर्माण कर्नाटक के एक शिल्पशाला में किया जा रहा है।
प्रश्न: अरुण योगीराज की मूर्ति कितनी लागत में बनी है?
उत्तर: अरुण योगीराज की मूर्ति की लागत लगभग 1 करोड़ रुपए है।
प्रश्न: अरुण योगीराज की मूर्ति का क्या महत्व है?
उत्तर: अरुण योगीराज की मूर्ति Ayodhya Ram Mandir के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह मूर्ति भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करती है।