Ayodhya Ram Mandir : कौन थे गिद्धराज जटायु? जिनकी अयोध्या के कुबेर टीले पर स्थापित की गई प्रतिमा

Nirala Times - News Desk
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Jatayu Statue in Ayodhya Ram Mandir
Highlights
  • गिद्धराज जटायु रामायण के एक प्रमुख पात्र हैं।
  • उन्होंने रावण से सीता का हरण रोकने की कोशिश की और रावण ने उनके पंख काट दिए।
  • उनकी वीरता के लिए उन्हें हिंदू धर्म में एक महान योद्धा माना जाता है।
  • अयोध्या में राम मंदिर के पास उनकी एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है।

इस लेख में जानेगे Ayodhya Ram Mandir से जुडी जानकारी साथ ही रामायण के महान योद्धा गिद्धराज जटायु का वर्णन, अयोध्या में उनकी प्रतिमा का अनावरण, और उनके जीवन से जुड़ी खास बातें।

Ayodhya Ram Mandir : कौन थे गिद्धराज ‘जटायु’

अयोध्या राम मंदिर के निर्माण के साथ ही, रामायण के प्रमुख पात्रों को भी याद किया जा रहा है। इनमें से एक हैं गिद्धराज जटायु, जिन्होंने रावण से सीता का हरण रोकने की कोशिश की थी। अयोध्या राम मंदिर के पास ही कुबेर टीले पर गिद्धराज जटायु की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है।

रामायण में गिद्धराज जटायु

महर्षि वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामायण में गिद्धराज जटायु का वर्णन है। इन ग्रंथों में जटायु को एक महान योद्धा के रूप में चित्रित किया गया है। जटायु पंचवटी के पास जंगल में निवास करते थे। जब रावण ने पंचवटी से सीता का हरण किया तो जटायु ने उसे रोकने का बहुत प्रयास किया। लेकिन रावण ने उनके पंख काट दिए। सीता हरण के बारे में जटायु ने ही श्रीराम को बताया। जटायु की मृत्यु होने पर श्रीराम ने ही उनका दाह संस्कार भी किया।

किसके पुत्र थे जटायु?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रजापति कश्यप के दो पुत्र थे गरुड़ और अरुण। गरुड़देव भगवान विष्णु के वाहन बने और अरुण सूर्यदेव के सारथी बन गए। जटायु अरुण की ही संतान थे, जटायु के भाई का नाम संपाति था। एक बार जटायु और संपाति में सूर्य तक पहुंचने की शर्त लगी। दोनों आकाश में बहुत ऊंचे बहुत गए तो जटायु सूर्य का ताप सहन नहीं कर सके, तब संपाति ने उन्हें अपने पंखों से ढंककर बचा लिया। इससे संपाति के दोनों पंख जल गए और वे समुद्र दोनों बेहोश होकर अलग-अलग स्थानों पर गिर गए।

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे जटायु प्रतिमा का अनावरण

अयोध्या राम मंदिर के निकट कुबेर टीले पर जटायु की कांसे से बनी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2024 को करेंगे। कहा जा रहा है कि ये प्रतिमा उन लोगों की याद में बनाई गई है, जिन्होंने राम मंदिर बनाने में अपने प्राणों की आहुति दी है।

निष्कर्ष:

गिद्धराज जटायु रामायण के एक महान योद्धा हैं। उन्होंने रावण से सीता का हरण रोकने की कोशिश की और अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता के लिए उन्हें हिंदू धर्म में एक महान योद्धा माना जाता है। अयोध्या राम मंदिर के पास उनकी एक विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है, जो उनकी वीरता को याद दिलाती है।

तो दोस्तों, यह थी गिद्धराज जटायु से संबंधित पूरी जानकारी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही खबरे पढ़ने के लिए niralatimes.com के साथ जुड़े रहे।

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