Bada Mangal 2024 Date की बात करें तो, बड़ा मंगल (Bada Mangal) ज्येष्ठ मास में आने वाले हर मंगलवार को मनाया जाता है। यह दिन भगवान हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। 2024 में, पहला बड़ा मंगल 28 मई को पड़ रहा है। आइये जानते हैं विस्तार से
ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal) कहा जाता है। यह दिन भगवान हनुमान जी की विशेष पूजा के लिए जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन भगवान राम और हनुमान जी की पहली बार भेंट हुई थी। इसी वजह से इस महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल (Bada Mangal) कहा जाता है।
बड़ा मंगल 2024 कब है ? (Bada Mangal 2024 Date)
ज्येष्ठ मास में आने वाले हर मंगलवार को बड़ा मंगल का पर्व मनाया जाता है। भगवान हनुमान जी (Hanuman Ji) के वृद्ध स्वरूप की पूजा इस दिन की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाने वाला बड़ा मंगल (Bada Mangal) इस साल 2024 में, चार बार आएगा, जिनकी तिथियां इस प्रकार हैं:
- पहला बड़ा मंगल: 28 मई 2024
- दूसरा बड़ा मंगल: 4 जून 2024
- तीसरा बड़ा मंगल: 11 जून 2024
- चौथा बड़ा मंगल: 18 जून 2024
बड़ा मंगल (Bada Mangal) का प्रारंभ उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow) से माना जाता है, जहाँ यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
बड़ा मंगल 2024 में शुभ योग (Bada Mangal 2024 Shubh Yoga)
28 मई 2024: इस दिन गुरु-चंद्र योग बन रहा है। यह योग ज्ञान, विद्या और सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।
बड़ा मंगल की कथा (Bada Mangal Katha)
बुढ़वा मंगल मनाने के पीछे प्रमुख धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं:
कथा 1: भगवान श्रीराम और हनुमान जी की भेंट
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान राम माता सीता की खोज में वन में भटक रहे थे, तब उनकी मुलाकात हनुमान जी से ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही हुई थी। हनुमान जी ने श्रीराम को अपनी भक्ति और शक्ति से समर्पित कर दिया और उनके साथ सीता जी की खोज में शामिल हो गए। इसी वजह से, इस दिन को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है।
कथा 2: भीम का अभिमान और हनुमान जी का सबक
एक अन्य कथा के अनुसार, कुंती पुत्र भीम बहुत पराक्रमी योद्धा थे। अपनी शक्ति और बल के मद में उन्हें घमंड हो गया था। हनुमान जी ने भीम के इस घमंड को तोड़ने का फैसला किया। उन्होंने बूढ़े वानर का रूप धारण कर भीम से युद्ध किया और उन्हें परास्त कर दिया।
यह घटना ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही हुई थी, इसलिए इस दिन को बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal) कहा जाता है।
बड़े मंगल का इतिहास ( Bada Mangal History)
Bada Mangal की धूमधाम से मनाई जाने वाली परंपरा की शुरुआत नवाब सआदत अली खान (1798-1814) के कार्यकाल में हुई थी।
नवाबजादे की बीमारी और चमत्कारी मन्नत: नवाब सआदत अली खान के बेटे मोहम्मद अली शाह के बेटे की तबीयत अचानक बिगड़ गई। तमाम इलाज के बाद भी जब बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ, तो हताश नवाब और उनकी बेगम को किसी ने लखनऊ के अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर में जाकर मन्नत मांगने की सलाह दी।
नवाब और बेगम ने मंदिर में हाजिरी लगाई और बेटे की सलामती की दुआ मांगी। चमत्कारिक रूप से, उनके बेटे की तबीयत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा।
मंदिर निर्माण का वादा और बड़े मंगल की शुरुआत: संतान की आरोग्य प्राप्ति के बाद, बेगम ने हनुमान जी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मंदिर जीर्णोद्धार का वादा किया।
ज्येष्ठ महीने में मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य पूरा हुआ और तभी से इसी दिन को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाने लगा।
तब से ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल के रूप में हनुमान जी की भक्ति और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है।
यह त्यौहार न केवल हनुमान जी के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि नवाब सआदत अली खान और उनकी बेगम की दृढ़ आस्था और हनुमान जी की कृपा का भी स्मरण दिलाता है।
मंगल ग्रह का प्रभाव:
ज्योतिष शास्त्र में, मंगल ग्रह को शक्ति और पराक्रम का ग्रह माना जाता है। ज्येष्ठ माह में मंगल ग्रह अपनी उच्च स्थिति में होता है, जिसके कारण इस महीने के मंगलवार को अत्यंत शुभ माना जाता है।
बड़ा मंगल का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति, साहस, विजय, ज्ञान और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
बुढ़वा मंगल का महत्व
बुढ़वा मंगल को भगवान हनुमान जी की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- हनुमान जी की प्रसन्नता: बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- दुखों का नाश: इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं।
- ज्ञान और शक्ति में वृद्धि: इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान और बल में वृद्धि होती है।
- सुख-समृद्धि: इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
- भय से मुक्ति: इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से भय से मुक्ति मिलती है।
बुढ़वा मंगल की पूजा विधि
- सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें।
- घर की पूर्व दिशा में लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- दीपक जलाएं।
- हनुमान जी को रोली, अक्षत और फूलों की माला अर्पित करें।
- हनुमान जी को भोग लगाएं।
- हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें।
- आरती करें।
हनुमान जी के मंत्र
- ॐ श्री हनुमते नमः
- जय श्री राम जय जय हनुमान
- हनुमान चालीसा
बुढ़वा मंगल का प्रसाद
बुढ़वा मंगल के दिन भगवान हनुमान जी को बेसन के लड्डू और बूंदी का प्रसाद विशेष रूप से अर्पित किया जाता है।
मान्यताएं
बुढ़वा मंगल के दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- इस दिन मांस, मदिरा और लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
- ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- दान-पुण्य करना चाहिए।
निष्कर्ष
बुढ़वा मंगल भगवान हनुमान जी की पूजा का विशेष दिन है। इस दिन उनकी पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
तो दोस्तों, यह थी Bada Mangal 2024 से संबंधित जानकारी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही खबरे पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Nirala Times और Whatsapp, Telegram को ज्वाइन करें। इसके अलावा, आप हमारे सोशल मीडिया अकाउंट को भी फॉलो करें ताकि आपको खबरों के ताजा अपडेट मिलते रहें।