Body Heat to Charge Mobile : अब शरीर की गर्मी से चार्ज होंगे मोबाइल फोन! IIT मंडी ने की रिसर्च

Akshara Singh - Content Writer
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Body Heat to Charge Mobile Phone (Body Heat Powered Device)

Body Heat to Charge Mobile Phone : क्या आपने कभी सोचा है कि आप अपने फोन को अपनी शरीर की गर्मी से चार्ज कर सकते हैं? यह सपना अब सच हो सकता है। IIT Mandi के शोधकर्ताओं ने शरीर की गर्मी को बिजली में बदलने वाला उपकरण (Body Heat Powered Devices) बनाया है। यह मटेरियल फोन, स्मार्टवॉच और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

IIT Mandi – Body Heat to Electricity Converter

Body Heat to Electricity Generator

आजकल, मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। लेकिन, फोन की बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है, जिससे हमें बार-बार चार्ज करना पड़ता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, IIT Mandi के शोधकर्ताओं ने इस समस्या का समाधान ढूंढ लिया है। उन्होंने एक ऐसा मटेरियल (Body Heat to Electricity Generator Device) बनाया है जो शरीर की गर्मी को बिजली में बदल (Body Heat to Convert Electricity) सकता है। इस मटेरियल का इस्तेमाल फोन, स्मार्टवॉच और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है।

यह तकनीक कैसे काम करती है?

यह तकनीक थर्मोइलेक्ट्रिक इफेक्ट पर आधारित है। थर्मोइलेक्ट्रिक इफेक्ट एक ऐसी घटना है जिसमें तापमान में अंतर के कारण बिजली उत्पन्न होती है। IIT Mandi के शोधकर्ताओं ने सिल्वर टेल्यूराइड नैनोवायर से एक थर्मोइलेक्ट्रिक मॉड्यूल विकसित किया है। जब यह मॉड्यूल मानव शरीर के संपर्क में आता है, तो शरीर की गर्मी मॉड्यूल में तापमान में अंतर पैदा करती है। यह तापमान अंतर बिजली उत्पन्न करता है, जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है।

यह तकनीक कितनी उपयोगी है?

यह तकनीक कई तरह से उपयोगी हो सकती है। इसका उपयोग पोर्टेबल चार्जर बनाने के लिए किया जा सकता है, जो लोगों को अपने फोन और अन्य उपकरणों को कहीं भी, कभी भी चार्ज करने की अनुमति देगा। इसका उपयोग स्मार्टवॉच, फिटनेस ट्रैकर और अन्य पहनने योग्य उपकरणों को बिजली देने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, इसका उपयोग सैन्य और औद्योगिक अनुप्रयोगों में भी किया जा सकता है।

इस तकनीक के फायदे:

  • यह तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है। यह ऊर्जा की बचत करने में भी मदद करती है।
  • यह तकनीक पोर्टेबल है, जिसका इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकता है।
  • यह तकनीक सस्ती और टिकाऊ है।

Body Heat Powered Devices Launch Date

यह तकनीक पर अभी काम चल रहा है। IIT Mandi के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह तकनीक अगले 5-10 वर्षों में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हो सकती है।

निष्कर्ष:

IIT Mandi द्वारा विकसित Body Heat Powered Devices भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने का एक क्रांतिकारी तरीका प्रदान कर सकता है। यह मटेरियल पोर्टेबल चार्जर की आवश्यकता को समाप्त कर सकता है और लोगों को अपने उपकरणों को कहीं भी, कभी भी चार्ज करने की अनुमति दे सकता है।

तो दोस्तों, यह थी Body Heat to Electricity Generator Device से संबंधित पूरी जानकारी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही खबरे पढ़ने के लिए niralatimes.com के साथ जुड़े रहे।

Body Heat Powered Devices से सम्बंधित प्रश्न (FAQs)

  • यह तकनीक कितनी कुशल है?

यह तकनीक अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है, इसलिए इसकी दक्षता अभी तक ज्ञात नहीं है। हालांकि, IIT Mandi के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह तकनीक 10-20% कुशल हो सकती है।

  • यह तकनीक कितनी महंगी होगी?

यह तकनीक अभी भी विकास के चरण में है, इसलिए इसकी कीमत अभी तय नहीं हुई है। हालांकि, IIT Mandi के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह तकनीक मौजूदा चार्जिंग तकनीकों की तुलना में अधिक किफायती हो सकती है।

  • यह तकनीक पर्यावरण के लिए कितनी अच्छी है?

यह तकनीक पर्यावरण के लिए बहुत अच्छी है। यह ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत का उपयोग करती है और कोई प्रदूषण नहीं पैदा करती है।

  • इस तकनीक का इस्तेमाल किन उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है?

इस तकनीक का इस्तेमाल मोबाइल फोन, लैपटॉप, स्मार्टवॉच और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है।

  • क्या यह तकनीक सुरक्षित है?

यह तकनीक पूरी तरह से सुरक्षित है। यह तकनीक शरीर के लिए कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है।

  • इस तकनीक का पर्यावरण पर क्या प्रभाव होगा?

यह तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है। यह तकनीक ऊर्जा की बचत करने में भी मदद करती है।

  • यह मटेरियल कितनी बिजली उत्पन्न कर सकता है?

यह मटेरियल अभी भी विकास के चरण में है, इसलिए इसकी बिजली उत्पादन क्षमता अभी निश्चित नहीं है। हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि यह मटेरियल एक छोटे से फोन को चार्ज करने के लिए पर्याप्त बिजली उत्पन्न कर सकता है।

  • यह मटेरियल कब बाजार में आएगा?

यह मटेरियल अभी भी विकास के चरण में है, इसलिए यह निश्चित नहीं है कि यह कब बाजार में आएगा। हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि यह मटेरियल अगले कुछ वर्षों में बाजार में आ सकता है।

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By Akshara Singh Content Writer
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अक्षरा सिंह एक भारतीय Content Writer और Creator हैं। वे Nirala Times के लिए काम करती हैं, जहाँ वे बिज़नेस और फाइनेंस और टेक्नोलॉजी से सम्बंधित ताज़ा खबरें लिखती हैं। उनकी लेखन शैली सरल और समझने में आसान है, और वे हमेशा अपने पाठकों को नवीनतम जानकारी प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं।
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