दक्षिण भारत के राज्य केरल में कोरोनावायरस के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं, जिससे चिंता का माहौल बन गया है। शनिवार को राज्य में चार लोगों की मौत हुई और 1000+ सक्रिय मामले सामने आए। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को पुष्टि की कि केरल में नए वेरिएंट JN.1 का पता चला है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस समय घबराने की जरूरत नहीं है। JN.1 वेरिएंट पहले से ही देश के कई हिस्सों में मौजूद है, लेकिन केरल की मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली के कारण इसका पता लगाया जा सका।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने शनिवार को कहा कि इनसाकॉग (इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक कंसोर्टियम) द्वारा चल रही निगरानी में केरल में कोविड के JN.1 वेरिएंट का पता चला है। फिलहाल यह वेरिएंट अमेरिका और चीन में फैल रहा है।
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के काराकुलम में 8 दिसंबर को की गई एक आरटी-पीसीआर जांच में इसका पता चला था। मरीज की 18 नवंबर को हुई आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। मरीज में इन्फ्लुएंजा के हल्के लक्षण थे और वह कोविड-19 से उबर चुका है।
पिछले कुछ सप्ताह में केरल में कोरोनावायरस के मामले बढ़े हैं। जांच के लिए भेजे जाने वाले आईएलआई नमूनों की संख्या बढ़ने को इसका कारण बताया जा रहा है। इनमें से अधिकतर मरीज बिना किसी चिकित्सकीय उपचार के घर में ही ठीक हो जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय देश भर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने के लिए मॉक ड्रिल कर रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार केरल में सितंबर और अक्टूबर में रोजाना औसतन करीब 20 मरीज मिल रहे थे।
मामलों में अचानक वृद्धि के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नए दिशानिर्देश जारी किए। इसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है।