डीपफेक (Deepfake Apps) के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने Digital Platforms को Advisory जारी की है। Deepfake Advisory के मुताबिक, Digital Platforms को आईटी नियमों (Deepfake Rules) का पालन करना होगा और Deepfake सामग्री को रोकने के लिए उचित प्रयास करना होगा।
Deepfake एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति के चेहरे को किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे पर बदलने के लिए किया जाता है। इस तकनीक का इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने, बदनाम करने या किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।
डीपफेक क्या है?
Deepfake Technology : डीपफेक एक ऐसा तकनीक है जिसका इस्तेमाल किसी व्यक्ति के चेहरे को किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे पर बदलने के लिए किया जाता है। इस तकनीक का इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने, बदनाम करने या किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।
डीपफेक तकनीक (Deepfake Technology) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित है। इस तकनीक में, AI का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति के चेहरे की छवि को एक कंप्यूटर मॉडल में डाउनलोड किया जाता है। फिर, इस मॉडल का इस्तेमाल करके किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे की छवि को उस व्यक्ति के चेहरे की छवि पर बदल दिया जाता है।
डीपफेक (Deepfake Apps) के खतरे
गलत सूचना फैलाने का खतरा : डीपफेक (Deepfake Apps) के इस्तेमाल से गलत सूचना फैलाने का खतरा बढ़ गया है। डीपफेक (Deepfake Apps) का इस्तेमाल करके किसी राजनीतिक नेता के वीडियो को इस तरह से बनाया जा सकता है कि वह कोई गलत बयान दे रहा हो। इससे लोगों को गुमराह किया जा सकता है और सामाजिक अशांति फैल सकती है। इससे उस व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंच सकता है और उसका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
Deepfake पर सरकार की एडवाइजरी
आईटी नियमों (Deepfake Rules) का पालन करना होगा : डीपफेक (Deepfake Apps) के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने Digital Platforms को एडवाइजरी जारी की है। Deepfake Advisory के मुताबिक, Digital Platforms को आईटी नियमों (Deepfake Rules) का पालन करना होगा। और नियमों के तहत प्रतिबंधित सामग्री को रोकने के लिए उचित प्रयास करना होगा। इसमें डीपफेक सामग्री भी शामिल है।
निष्कर्ष:
डीपफेक एक गंभीर खतरा है। सरकार की एडवाइजरी के बाद Digital Platforms को डीपफेक सामग्री को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।