भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का Aditya L1 Mission, जो सूर्य का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, अपने लक्ष्य पर पहुंच गया है। यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, और यह देश को अंतरिक्ष में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
Aditya L1 Mission का लक्ष्य क्या
आदित्य एल1 मिशन का लक्ष्य सूर्य के वायुमंडल, विशेष रूप से क्रोमोस्फीयर और कोरोना का अध्ययन करना है। यह मिशन कोरोनल मास इजेक्शन (CME), सौर फ्लेयर्स और सौर कोरोना की रहस्यमय हीटिंग जैसी घटनाओं में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद करेगा।
Aditya L1 Mission की अवधि
आदित्य एल1 मिशन की अवधि 5 साल है। इस अवधि के दौरान, आदित्य एल1 सूर्य का लगातार अवलोकन करेगा।
Aditya L1 Mission का भारत के लिए महत्व
आदित्य एल1 मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह मिशन देश को अंतरिक्ष में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। यह मिशन सूर्य की गतिविधियों को बेहतर ढंग से समझने में भी मदद करेगा, और यह अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी करने में भी मदद कर सकता है।
Aditya L1 Mission Launch Date and Time
Aditya L1 मिशन को 2 सितंबर, 2023 को सुबह 11:50 बजे भारतीय मानक समय (IST) पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया था। यह पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C57) रॉकेट द्वारा पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया था।
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat: Director of Space Applications Centre, Nilesh M Desai speaks on Aditya L1 mission pic.twitter.com/tN2svLq1RF
— ANI (@ANI) January 6, 2024
Aditya L1 Mission Budget
जहां अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के सौर मिशनों पर अरबों रुपये खर्च हुए हैं, वहीं आदित्य-एल1 मिशन को महज ₹378 करोड़ के आवंटित बजट के साथ पूरा किया गया है। यह नासा के ‘स्टीरियो’ स्पेसक्राफ्ट के बजट (4549 करोड़ रुपये) का सिर्फ 8%, और ‘पार्कर सोलर प्रोब’ के बजट (1,24,08 करोड़ रुपये) का मात्र 3% है।
Aditya L1 Mission में कम लागत कैसे हासिल हुई?
ISRO द्वारा लागत कम रखने के लिए कई रणनीतियों का इस्तेमाल किया गया।
- देशी तकनीक का इस्तेमाल: मिशन में इस्तेमाल किए गए अधिकांश उपकरण और प्रणालियाँ स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं। इससे विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम हुई और लागत भी घटाई गई।
- सरल डिजाइन: मिशन के लिए हल्के और छोटे उपग्रह का डिजाइन किया गया। इससे लॉन्च लागत में भी कमी आई।
- फ्यूल दक्षता: उपग्रह को ईंधन-कुशल बनाने के लिए कई उपाय किए गए। इससे लंबे समय तक मिशन को संचालित करने में मदद मिलेगी और भविष्य में ईंधन भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Aditya L1 Mission : कम लागत, बड़ा प्रभाव
कम लागत का मतलब यह नहीं है कि मिशन का महत्व कम है। आदित्य एल1 मिशन से सूर्य के वायुमंडल, विशेष रूप से कोरोना के अध्ययन में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है। इससे सौर मौसम की भविष्यवाणी करना आसान होगा, जिससे अंतरिक्ष यात्रा, संचार तंत्र और बिजली ग्रिड के संचालन में मदद मिलेगी।
Aditya L1 Mission Director
Aditya L1 मिशन के लिए जिम्मेदार विशिष्ट निदेशक का सार्वजनिक रूप से उल्लेख नहीं किया गया है। इसरो (ISRO) इस तरह के मिशनों में अक्सर एक टीम दृष्टिकोण अपनाता है, जहाँ विभिन्न वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की समर्पित टीम मिलकर काम करती है।
हालांकि, आदित्य L1 मिशन के प्रमुख वैज्ञानिकों में से कुछ में शामिल हैं:
- डॉ. पी.के. मनमोहनन: एस्ट्रोफिजिक्स डिवीजन, इसरो (पूर्व में मिशन निदेशक रहे हैं)
- डॉ. पी.एन. विस्वनाथन: अंतरिक्ष यान प्रणाली इंजीनियरिंग विभाग, इसरो
- डॉ. आर.ए. शास्त्री: सौर भौतिकी विभाग, इसरो
Aditya L1 Reach Date
2 सितंबर, 2023 को लॉन्च किए जाने के बाद, Aditya L1 ने धीरे-धीरे सूर्य की ओर अपनी यात्रा की और 5 दिसंबर, 2023 को लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) के आसपास एक हेलो कक्षा में स्थापित हो गया। यह L1 एक विशेष स्थान है जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है, जिससे Aditya L1 को सूर्य का निरंतर अवलोकन करने की अनुमति मिलती है।
तो, Aditya L1 अपने लक्ष्य पर पहले ही पहुँच चुका है और वर्तमान में वैज्ञानिक अध्ययन कर रहा है। आने वाले वर्षों में, वह सूर्य की गतिविधियों, जैसे सौर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) का डेटा एकत्र करके हमें सूर्य के बारे में और अधिक जानकारी देगा।
निष्कर्ष
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का आदित्य एल1 मिशन, जो सूर्य का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, अपने लक्ष्य पर पहुंच गया है। यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, और यह देश को अंतरिक्ष में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
तो दोस्तों, यह थी आदित्य एल1 मिशन के बारे में पूरी जानकारी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही खबरे पढ़ने के लिए niralatimes.com के साथ जुड़े रहे।