Pohewala Success Story : नौकरी छोड़ शुरू किया पोहा बेचना, अब कमाते हैं 60 लाख महीना, जाने सफलता का राज

Akshara Singh - Content Writer
5 Min Read
Pohewala Success Story
Highlights
  • दो इंजीनियरिंग और एमबीए ग्रेजुएट दोस्तों ने नौकरी छोड़कर पोहा बेचना शुरू किया
  • 6 वर्षों में 15 से अधिक आउटलेट खोले
  • हर महीने 60 लाख रुपये से अधिक कमाई
  • पोहे की 13 वैरायटी पेश की
  • ऑर्गेनिक पोहे बेचने की शुरुआत सबसे पहले उन्‍होंने की

Pohewala Success Story : आज हम आपको दो दोस्तों की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर पोहा बेचना शुरू किया और आज वे 60 लाख महीना कमा रहे हैं। जानिए उनकी सफलता का राज।

Pohewala Startup : नौकरी से तंग आकर शुरू किया पोहा का व्यवसाय

Food Startup Pohewala के फाउंडर चाहुल बलपांडे (Chahul Balpande) और पवन वादिभास्मे (Pawan Wadibhasme)  इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि अगर ईमानदारी से कड़ी मेहनत की जाए तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। चाहुल इंजीनियरिंग करने और पवन एमबीए करने के बाद ही कंपनी में काम करते थे। कंपनी उन्‍हें समय पर सैलरी नहीं देती थी। हर महीने पेमेंट लेट होता और दोनों को अपनी मेहनत की कमाई हासिल करने के लिए इंतजार करना पड़ता। ऐसे में उन्‍होंने अपना ही काम करने की सोची।

Pohewala Success Story (सफलता की कहानी)

Pohewala Success

शुरूआत में, वे दिन में अपनी नौकरी करते थे और रात में महाराष्ट्र के नागपुर में पोहे बेचते थे। कुछ ही दिनों में, उन्हें लोगों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला। इस हौसले से उन्होंने 2018 में अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से पोहे बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने ब्रांड का नाम Pohewala रखा और पोहे की कई वैरायटी पेश की।

आज, 6 साल बाद, ‘Pohewala’ के देश के 15 शहरों में आउटलेट हैं। चाहुल और पवन हर महीने 60 लाख रुपये से अधिक कमाते हैं।

Pohewala की शुरुआत

चाहुल और पवन पहले एक पार्किंग और Food Startup शुरू करने की सोच रहे थे। लेकिन, जब उन्होंने मार्केट रिसर्च किया तो उन्हें Food Startup में भविष्य ज्यादा उज्ज्वल नजर आया। फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस हासिल करने के लिए उन्होंने पहले रात में एक छोटी सी जगह पर पोहे बेचने शुरू किए। इससे उन्हें इस सेक्टर में संभावनाओं का तो पता चला ही साथ ही यह भी जानकारी उन्हे हासिल हुई कि ग्राहक आखिर चाहते क्या हैं।

Pohewala की सफलता के कारण

Pohewala की सफलता के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, चाहुल और पवन ने अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया। वे ताजी और स्वस्थ सामग्री का उपयोग करते हैं और स्वादिष्ट पोहे बनाने के लिए पारंपरिक व्यंजनों का पालन करते हैं। यहाँ तक कि  ग्राहकों की पसंद और नापसंद पर भी गौर करते रहे।

Pohewala Success Strategies

दूसरा, उन्होंने अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के पोहे विकल्पों की पेशकश की है। उनके पासपोहे की 13 वैरायटी तैयार की, जिसमें पनीर पोहा, इंदौरी पोहा, नागपुर स्पेशल तारी पोहा, चिवड़ा पोहा, मिश्रा पोहा, मिठाई पोहा, जिनमें ऑर्गेनिक पोहा भी शामिल है।

तीसरा, उन्होंने अपने ब्रांड का मार्केटिंग करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है।

Pohewala की सफलता से सीख

Pohewala की कहानी (Pohewala Success Story) हमें सिखाती है कि अगर हम ईमानदारी से कड़ी मेहनत करते हैं तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। चाहुल और पवन ने अपनी नौकरी छोड़कर एक जोखिम लिया, लेकिन उनकी मेहनत और लगन रंग लाई।

Pohewala उन लोगों के लिए भी प्रेरणा है जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने ग्राहकों की जरूरतों को समझने और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

निष्कर्ष:

Pohewala की कहानी प्रेरणादायक है। यह हमें सिखाती है कि अगर हम कड़ी मेहनत और लगन से काम करें तो सफलता जरूर मिलेगी।

तो दोस्तों, यह थी Pohewala Success Story के बारे में पूरी जानकारी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो कृपया इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही खबरे पढ़ने के लिए niralatimes.com के साथ जुड़े रहे।

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अक्षरा सिंह एक भारतीय Content Writer और Creator हैं। वे Nirala Times के लिए काम करती हैं, जहाँ वे बिज़नेस और फाइनेंस और टेक्नोलॉजी से सम्बंधित ताज़ा खबरें लिखती हैं। उनकी लेखन शैली सरल और समझने में आसान है, और वे हमेशा अपने पाठकों को नवीनतम जानकारी प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं।
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