Sona Machinery IPO GMP : सोना मशीनरी आईपीओ को निवेशकों की शानदार प्रतिक्रिया मिली। ग्रे मार्केट में भी यह आईपीओ प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। जानिए लिस्टिंग पर कितना मुनाफा हो सकता है?
Sona Machinery के IPO को निवेशकों की ओर से मजबूत प्रतिक्रिया मिली। सब्सक्रिप्शन के अंतिम दिन तक यह इश्यू 273.50 गुना सब्सक्राइब हो गया। कंपनी के शेयरों के लिए लिस्टिंग की संभावित तारीख 13 मार्च है। इस बीच ग्रे मार्केट में भी आईपीओ की जबरदस्त डिमांड दिख रही है। यह आईपीओ 5 मार्च से 7 मार्च के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। कंपनी का इरादा इसके जरिए करीब 52 करोड़ रुपये जुटाने का है। कंपनी ने इश्यू के लिए 136-143 रुपये का प्राइस बैंड तय किया था।
Sona Machinery IPO : ग्रे मार्केट में मजबूत स्थिति
ग्रे मार्केट में सोना मशीनरी के आईपीओ का क्रेज सब्सक्रिप्शन के बाद भी बना हुआ है। आज 9 मार्च को यह इश्यू 100 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। इस हिसाब से कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 243 रुपये के भाव पर हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो निवेशकों को करीब 70 परसेंट का तगड़ा मुनाफा होने की उम्मीद है। हालांकि, ग्रे मार्केट में स्थिति लगातार बदलती रहती है।
Sona Machinery IPO Details
यह आईपीओ पूरी तरह से 36.24 करोड़ का फ्रेश इश्यू है और इसमें OFS के जरिए कोई बिक्री नहीं होगी। इसका मतलब है कि आईपीओ का पूरा पैसा कंपनी को मिलेगा। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग NSE SME प्लेटफॉर्म पर 13 मार्च को होने वाली है। सफल निवेशकों को शेयरों का अलॉटमेंट 11 मार्च को हो सकता है। वहीं, असफल निवेशकों के लिए रिफंड की प्रक्रिया 12 मार्च को शुरू हो जाएगी। 12 मार्च को ही सफल निवेशकों के डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट कर दिए जाएंगे।
- यह आईपीओ पूरी तरह से 36.24 करोड़ का फ्रेश इश्यू है और इसमें OFS के जरिए कोई बिक्री नहीं होगी।
- इसका मतलब है कि आईपीओ का पूरा पैसा कंपनी को मिलेगा।
- कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग NSE SME प्लेटफॉर्म पर 13 मार्च को होने वाली है।
- सफल निवेशकों को शेयरों का अलॉटमेंट 11 मार्च को हो सकता है।
- असफल निवेशकों के लिए रिफंड की प्रक्रिया 12 मार्च को शुरू हो जाएगी।
- 12 मार्च को ही सफल निवेशकों के डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट कर दिए जाएंगे।
Sona Machinery IPO : 273 गुना सब्सक्राइब हुआ इश्यू
इस आईपीओ को सभी कैटेगरी के निवेशकों ने जमकर सब्सक्राइब किया है। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (QII) के हिस्से को 130 गुना सब्सक्राइब किया गया है। वहीं, सबसे अधिक दांव नॉन इंस्टीट्यूशनल बायर्स (NII) ने लगाया है और उनका हिस्सा 554.42 गुना भरा है। रिटेल इनवेस्टर्स (RI) के हिस्से को 235 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है।
Sona Machinery IPO : लिस्टिंग और अलॉटमेंट
कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग NSE SME प्लेटफॉर्म पर 13 मार्च को होने वाली है। सफल निवेशकों को शेयरों का अलॉटमेंट 11 मार्च को हो सकता है। वहीं, असफल निवेशकों के लिए रिफंड की प्रक्रिया 12 मार्च को शुरू हो जाएगी। 12 मार्च को ही सफल निवेशकों के डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट कर दिए जाएंगे।
Sona Machinery IPO : फंड का इस्तेमाल
IPO से होने वाली कमाई में से 55 प्रतिशत हिस्सा गाजियाबाद में नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए पूंजीगत खर्च के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। 4 प्रतिशत हिस्से का इस्तेमाल मशीनरी खरीदने के उद्देश्य से लिए गए कर्ज को चुकाने में और बाकी बचे पैसे का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। गाजियाबाद में प्लांट लगाने के लिए कंपनी लगभग 29 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
Sona Machinery क्या करती है?
साल 2019 में स्थापित, सोना मशीनरी कृषि क्षेत्र में क्रांति ला रही है। यह कंपनी अत्याधुनिक मशीनरी का निर्माण करती है जो चावल, दाल, गेहूं, मसाले और बार्नयार्ड बाजरा जैसी फसलों की प्रसंस्करण को आसान और कुशल बनाती है।
उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला: सोना मशीनरी विभिन्न प्रकार की मशीनें बनाती है, जिनमें शामिल हैं:
- अनाज प्री-क्लीनर मशीनें: ये मशीनें अनाज से धूल, मिट्टी और अन्य अशुद्धियों को हटाती हैं।
- रोटरी ड्रम क्लीनर: ये मशीनें अनाज को छानने और वर्गीकृत करने के लिए उपयोगी हैं।
- वाइब्रो क्लासिफायर: ये मशीनें अनाज को आकार और वजन के आधार पर अलग करती हैं।
- स्टोन सेपरेटर मशीनें: ये मशीनें अनाज से पत्थरों और अन्य कठोर वस्तुओं को हटाती हैं।
- पैडी डी-हस्कर: ये मशीनें धान से भूसी को हटाती हैं।
- हस्क एस्पिरेटर: ये मशीनें भूसी को हवा के माध्यम से अलग करती हैं।
- राइस थिक/थिन ग्रेडर: ये मशीनें चावल को मोटाई के आधार पर अलग करती हैं।
- राइस व्हाइटनर: ये मशीनें चावल को चमकदार और सफेद बनाती हैं।
- सिल्की पॉलिशर: ये मशीनें चावल को चिकना और चमकदार बनाती हैं।
- मल्टी ग्रेडर: ये मशीनें चावल को विभिन्न गुणवत्ता मानकों के आधार पर अलग करती हैं।
- लेंथ ग्रेडर: ये मशीनें चावल को लंबाई के आधार पर अलग करती हैं।
- बेल्ट कनवेयर: ये मशीनें एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामग्री को ले जाने के लिए उपयोगी हैं।
- बकेट एलिवेटर: ये मशीनें ऊंचाई तक सामग्री को उठाने के लिए उपयोगी हैं।
सोना मशीनरी न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी अपने उत्पादों का निर्यात करती है। कंपनी अपनी उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों, प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा के लिए जानी जाती है।
सोना मशीनरी किसानों को उनकी कृषि गतिविधियों को अधिक कुशल और लाभदायक बनाने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी लगातार नवाचारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नए उत्पादों को विकसित करने के लिए प्रयास कर रही है।
सोना मशीनरी भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है। कंपनी की मशीनें किसानों को अपनी फसलों की प्रसंस्करण को अधिक कुशलता से करने में मदद करती हैं, जिससे उन्हें बेहतर उत्पादन और आय प्राप्त होती है।
Disclaimer
निराला टाइम पर दी गई जानकारी किसी भी निवेश सलाह के रूप में नहीं मानी जानी चाहिए। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले, कृपया किसी मार्केट एक्सपर्ट से सलाह लें। यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे किसी भी तरह से व्यावसायिक सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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