Heat Stroke Death Compensation: लू से मौत पर यूपी सरकार देगी 4 लाख का मुआवजा! जानिए कैसे मिलेगी आर्थिक सहायता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश। आइये विस्तार से जानते हैं इस लेख में।
भीषण गर्मी (extreme heat wave) और लू ( Heat Stroke) का प्रकोप भारत के विभिन्न राज्यों में हर साल एक गंभीर समस्या बन जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने लू से होने वाली मृत्यु पर पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने (Heat Stroke Death Compensation) की घोषणा की है। इस लेख में हम इस मुआवजे के नियम, प्रक्रिया, और अन्य संबंधित जानकारियों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
मुआवजे की घोषणा और शर्तें (Heat Stroke Death Compensation Rules)
लू से मृत्यु पर मुआवजा (Heat Stroke Death Compensation)
उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि लू से मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये का मुआवजा (Heat Stroke Death Compensation) दिया जाएगा। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तों का पालन करना आवश्यक है:
- पोस्टमार्टम अनिवार्य: मुआवजे के लिए मृतक का पोस्टमार्टम कराना जरूरी है। बिना पोस्टमार्टम के मुआवजा नहीं मिलेगा।
- सूचना और प्रक्रिया: मृतक के परिजनों को घटना की सूचना लेखपाल, तहसीलदार, एसडीएम आदि अधिकारियों को देनी होगी। ये अधिकारी पोस्टमार्टम कराएंगे और रिपोर्ट जिलाधिकारी (डीएम) को भेजेंगे।
- डीएम की मंजूरी: डीएम पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मुआवजे की राशि जारी करेंगे।
चुनाव ड्यूटी में मृत्यु पर मुआवजा (Compensation on death during election duty)
यदि चुनाव ड्यूटी में लगे किसी कर्मचारी की लू से मृत्यु होती है, तो उसे भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत 15 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
भीषण गर्मी और लू की स्थिति
उत्तर प्रदेश में इस समय भीषण गर्मी और लू चल रही है, जिससे लोगों की जान को खतरा है। महोबा और चित्रकूट में लू से तीन लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। अन्य जिलों में अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भीषण गर्मी और लू से आमजन, पशुधन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उन्होंने निम्नलिखित निर्देश दिए हैं:
- बिजली की आपूर्ति: अनावश्यक बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए और अतिरिक्त बिजली खरीदने की व्यवस्था की जाए।
- पानी की व्यवस्था: गांव और शहर दोनों में सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए।
- स्वच्छता और ट्रैफिक व्यवस्था: विशेषकर धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता का ध्यान रखा जाए और ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू हो।
- पशुधन और वन्य जीवों की सुरक्षा: सभी प्राणि उद्यानों और अभयारण्यों में हीट-वेव एक्शन प्लान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए।
अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों की तैयारी
मुख्यमंत्री ने अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया है कि लू से प्रभावित लोगों का तत्काल इलाज किया जाए। शहरों में पेयजल की आपूर्ति निर्धारित रोस्टर के अनुसार हो और हैंडपंप को क्रियाशील रखा जाए।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल लू से प्रभावित लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि प्रशासनिक कदमों से भी लू से बचाव के उपाय सुनिश्चित होंगे। सरकार के इन कदमों से लोगों की जान बचाने और उन्हें राहत प्रदान करने में मदद मिलेगी।
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Heat Stroke Death Compensation से सम्बंधित प्रश्न (FAQs)
- लू से मृत्यु पर मुआवजे की राशि कितनी है?
- उत्तर प्रदेश सरकार ने लू से मृत्यु पर चार लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
- मुआवजा पाने के लिए क्या शर्तें हैं?
- मुआवजा पाने के लिए मृतक का पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य है और घटना की सूचना संबंधित अधिकारियों को देनी होगी।
- चुनाव ड्यूटी में मृत्यु पर कितना मुआवजा मिलता है?
- चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों की लू से मृत्यु पर 15 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने क्या निर्देश दिए हैं?
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली, पानी, स्वच्छता, और पशुधन की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
- लू से बचाव के क्या उपाय हैं?
- लू से बचने के लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था, बिजली की अनवरत आपूर्ति, और चिकित्सा सुविधाओं का तुरंत इंतजाम किया जाना चाहिए।
- मुआवजे की प्रक्रिया क्या है?
- घटना की सूचना लेखपाल, तहसीलदार, एसडीएम आदि अधिकारियों को देनी होगी। ये अधिकारी पोस्टमार्टम कराएंगे और रिपोर्ट डीएम को भेजेंगे, जिसके आधार पर मुआवजा जारी होगा।